कुछ यादें
बिखरते नहीं !
कुछ लम्हे
पिगलते नहीं !
कुछ दिन
ढलते नहीं !
औज़ार है सांझ की
दिल मे ख्यालों की तार टूटते नहीं !
ज़िन्दगी तो है एक कमबख्त
गिरकर भी फिर बार बार चलना भूलती नहीं !
कुछ यादें
बिखरते नहीं !
कुछ लम्हे
पिगलते नहीं !
कुछ दिन
ढलते नहीं !
औज़ार है सांझ की
दिल मे ख्यालों की तार टूटते नहीं !
ज़िन्दगी तो है एक कमबख्त
गिरकर भी फिर बार बार चलना भूलती नहीं !